इस नजर ने उस नजर से बात करली,
रहे खामोश मगर फिर भी बात करली,
जब मोहब्बत की फ़िज़ा को खुश पाया,
तो दोनों निगाहों ने रो रो कर बरसात करली
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रहे खामोश मगर फिर भी बात करली,
जब मोहब्बत की फ़िज़ा को खुश पाया,
तो दोनों निगाहों ने रो रो कर बरसात करली